Saturday, 31 August 2019

जीवन

जीवन है गुलशन रंग-बिरंगे फूलों का,
जीवन है आकाश चमचमाते सितारों का,
है इन्सानियत जिसके भीतर जिंदा,
जीवन है उसका दर्पण सच्चे नजारों का
कवि मनीष 

Thursday, 29 August 2019

प्रेम

प्रेम हीं है सबसे बड़ी वंदना,
प्रेम हीं है सबसे बड़ी आराधना,
इन्सान के प्रत्येक गुण को निखारता है प्रेम हीं,
प्रेम हीं है सबसे बड़ी साधना
कवि मनीष 

Wednesday, 28 August 2019

चाँद को जब जलाता है..

चाँद को जब जलाता है सूरज,
वो देता है शीतलता,
सूरज में है आग पर उससे हीं,
जीवन है पलता,

बरसों लग जाती है,
जीवन को देनें में आकार,
इस क्रम में अक़्सर,
इन्सान है संघर्ष में झुलसता,

किसी और के जीवन को भी,
अपना जीवन समझो,
तभी आँसुओं से,
प्रेम है झलकता,

चाँद को जब जलाता है सूरज,
वो देता है शीतलता,
सूरज में है आग पर उससे हीं,
जीवन है पलता
कवि मनीष 

भारत

है प्रेम का प्रतीक जिसका नाम है भारत,
है एकता का प्रतीक जिसका नाम है भारत,
बस चलना है साथ मिलकर,
क्योंकि है ईमान का प्रतीक जिसका नाम है भारत 
कवि मनीष 

Monday, 26 August 2019

प्रेम हीं जीवन है..

प्रेम हीं जीवन है,
जीवन हीं प्रेम है,
हर आवाज़ की मधुरता प्रेम है,

प्रेम हीं जीवन है,
जीवन हीं प्रेम है,

आकाश का क्षितिज पर,
धरती से मिलना प्रेम है,
सूरज की आग से,
धरती की पलना प्रेम है,

प्रेम हीं जीवन है,
जीवन हीं प्रेम है,

खुशबू का फूलों में समाना प्रेम है,
अनेकता में एकता का परिचायक,
देश ये हमारा प्रेम है,

प्रेम हीं जीवन है,
जीवन हीं प्रेम है,
हर आवाज़ की मधुरता प्रेम है,

प्रेम हीं जीवन है,
जीवन हीं प्रेम है 
कवि मनीष 

Sunday, 25 August 2019

देश हीं आत्मा है..

देश हीं आत्मा है,
देश हीं हमारा गुलशन है,
वतन के नाम पर,
वतन के नाम पर,

जो ना सर झुकाते हैं,

ज़िन्दगी उनकी इक दिन,
बंजर हो जाती है,
कांटों की गलियों में ख़ो जाती है,

वतन वो पेड़ जिसके,
तले हम छाँव पाते हैं,
ये वो गगन है जिसके,
तले हम स्वतंत्र गीत गाते हैं,

वतन हँसता है तभी तो हम,
मुस्कुराते हैं,

वतन हीं आत्मा है,
वतन हीं हमारा गुलशन है,
देश हीं आत्मा है,
देश हीं हमारा गुलशन है,

देश हीं आत्मा है,
देश हीं हमारा गुलशन है 
कवि मनीष 

श्री अरूण जेटली

मौत किसी का ग़ुलाम नहीं होता,
ज़िन्दगी का वो मेहमान नहीं होता,
कब उसके शिकंजे में कौन आ जाए,
किसी को इसका अनुमान नहीं होता
कवि मनीष 

कहीं शाम आँखों में..

कहीं शाम आँखों में,
कहीं सवेरा है,
बस वहीं तो,
ज़िन्दगी का बसेरा है,

माना हम तो जीवन भर,
दुःख उठाते हैं,
पर वसंत के बाद तो,
पतझड़ हीं आते हैं,

बस चलना है,
और क्या करना है,
मंज़िल तो सबकी एकदिन,
मिट्टी में हीं मिलना है,

कहीं शाम आँखों में,
कहीं सवेरा है,
बस यहीं तो,
ज़िन्दगी का बसेरा है 
कवि मनीष 

Saturday, 24 August 2019

सुना है जग को..

सुना है जग को,
तुम चलाते हो,
जीवन का पहिया,
तुम चलाते हो,

जब भी आते हो तुम,
साथ बहार आती है,
गगन से आते हीं तेरे,
नूर बरसती है,

तो फिर मुझपे भी किरपा,
अपनीं करते रहना,
जीवन को मेरे भी,
सुमन सा सुगन्धित करते रहना,

तुम तो अपनें सच्चे भक्तों की,
सदा सुनते हो,
सुना है जग को,
तुम चलाते हो,

जीवन का पहिया,
तुम चलाते हो,
सुना है जग को,
तुम चलाते हो 
कवि मनीष 

Thursday, 22 August 2019

यह है भारत की सबसे साफ़ नदि..







ये है भारत की सबसे साफ नदी, कांच की तरह पारदर्शी है इस अद्भुत नदी का पानी !
भारत में नदियों की स्थिति एक बड़ी चिंता का विषय है और पर्यावरण – विदों का मानना है की भारत में नदियां तेजी से मर रही है। समाजसेवी संस्थाओं द्वारा नदियों को बचाने के लिए नहीं कार्यक्रम चलाएं जा रहे है। सरकार द्वारा भी नदियों की साफ़ सफाई को लेकर कई प्रोजेक्ट लाये जा चुके है और हर साल करोड़ों रूपए नदियों की सफाई पर खर्च किये जाते है पर जमीनी स्तर पर ये कितना सफल है ये सभी जानते है।
की बदतर होती स्थिति के बीच आज हम आपको ऐसी एक नदी के बारे में बता रहे है जो एक मिसाल है की अगर हम चाहे तो हर नदी को इसके जैसा बना सकते है। जी हाँ हम बात कर रहे है भारत की सबसे साफ़ और स्वच्छ नदी के बारे में जिसका पानी इतना साफ़ है की आप आसानी से उसका तल देख सकते है। आईये जानते है इस नदी के बारे में…
इस नदी के बारे में जानकार आप भी कहेंगे अपने देश में एक नदी ऐसी भी है जो आपके उम्मीद से ज्यादा साफ सुथरी हैं। यह इतना साफ है कि नीचे का एक एक पत्थर क्रिस्टल की तरह नजर आता है इसमें धूल की एक कड़ भी नहीं दिखती इसे देश की सबसे साफ नदी कहा जाता है ।
यह मेघालय की राजधानी शिलांग से करीब 95 किलोमीटर दूर है। मनो कांच पर तैर रहे हो कुछ लोगों को विश्वास नहीं होता कि इतनी साफ नदी हमारे देश में भी हो सकती है जिसमें कूड़े का एक टुकड़ा भी नजर नहीं आता इसके सफाई का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस पर नाव के चलने पर ऐसा लगता है कि मानो की वह किसी कांच के पारदर्शी टुकड़े पर तैर रही हो।
नजारा बेहद खूबसूरत होता है जो भी लोग इस नदी को देखकर आते हैं उन्हें लगता है कि वह किसी और दुनियां में है क्योंकि ऐसी नदी धरती पर हो ऐसा उन्हें विश्वास नहीं होता नदी के चारों ओर का नजारा बहुत ही खूबसूरत है। यहां जाने वाले यात्री हर किसी को यही राहत राय देते हैं कि एक बार उमगोट नदी पर जरूर जाएं इस नदी की तुलाना लोग स्वर्ग में बहती नदी से करते हैं ।
यह नदी बांग्लादेश और भारत के बीच बहती है इसके निचे खूबसूरत गोल पथरो की पूरी रूपरेखा नजर आती है उमंगोट शिलांग के टाफ के करीब बहती है। जो बांग्लादेश की सीमा पर बसा हुआ है जो भी लोग इस नदी को देखते हैं वह बताते हैं कि यह नदी सैकड़ों सालों से इतनी ही साफ़ हैं
अंग्रेजों ने इस पर एक ब्रिज भी बनवाया है इस नदी में बड़ी संख्या में मछलियां भी मिलती हैं सफाई का सख्ती से पालन किया जाता है। जाड़े में नदि और भी खूबसूरत और साफ नजर आती है यहाँ आने वाले सभी यात्रियों से यह कहा जाता है कि वह किसी भी तरह की गंदगी ना फैलाएं यदि वह ऐसा करते हैं तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाती है।
सौजन्य न्यूज़
कवि मनीष

प्रेम मुक्तक

मैंने तेरे लिए सपनें सजाए हैं बहार के,
हैं किनारे भी ढूंढ लिए मझधार के 
पर तू चाहे आए या ना,
मैंनें तो आता रहूँगा क्योंकि मेरा आना तो है झोंके वसंत-बहार के 
कवि मनीष 

महाभारत के रोचक तथ्य..

जानिए महाभारत वास्तविकता के बारे में ये रोचक तथ्य..
1: द्वारका नगरी
द्वापरयुग के अंत में भगवान कृष्ण की द्वारका नगरी जलमग्न हो गयी थी | पुरातत्व शास्त्रियों ने गुजरात से लगे हुए समुद्र के भीतर से लेकर अरब सागर तक एक ऐसे प्राचीन नगर और सभ्यता को खोज निकाला है, जिसे महाभारत काल का ही माना जा रहा है | यहाँ की वास्तुकला से इस बात को और भी बल मिलता है |

2: राजवंश
महाभारत धर्मग्रन्थ की का आरंभ राजा मनु से हुआ था | इस वंश के पचास से भी अधिक शासकों का उल्लेख महाभारत में किया गया है | अगर ये मात्र कोई कल्पना होती तो लेखक पूरी वंशावली के बारे में न बताकर भी अपनी बातों को शुरू कर सकता था | क्यों कोई 50 से भी अधिक वंशावली का उल्लेख किसी काल्पनिक महाकाव्य में करेगा |

3: वर्तमान शहर
आज भी भारत में 35 से अधिक ऐसे शहर हैं, जिनका वर्णन महाभारत में हुआ है | इसमें हस्तिनापुर जो आज मेरठ के नाम से जाना जाता है, अंगप्रदेश जो आज का गोंडा और बहराइच शहर है एवं इन्द्रप्रस्थ जो आज भारत की राजधानी दिल्ली है | इन सभी का वर्णन है |

4: कलियुग
भगवतगीता में भगवान कृष्ण ने कलियुग का उल्लेख बड़े ही विस्तारपूर्वक किया है | हैरानी की बात यह है कि उनके द्वारा बताई गयी सभी बातेंं आज के समय में भी बिल्कुल सटीक हैं ।

सौजन्य न्यूज़ 
कवि मनीष 

बेहद ख़ास जानकारी..




दूसरे देशों की मदद करने में हमेशा आगे रहते हैं ये 3 देश..
आज की खास पोस्ट में हम आपको दुनिया के 3 देशों के बारे में बताने जा रहे हैं जो हर हालातों में अन्य देशों की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं| हम आशा करते हैं हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आएगी और आप इसे अपने सभी चाहने वालों के साथ जरुर शेयर करेंगे| तो आइये इसी के साथ जानते हैं कौन से हैं दुनिया के वह देश जो हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहते हैं|
3 जापान
जापान दुनिया का तीसरा सबसे शक्तिशाली देश है जिसकी सैन्य शक्ति इतनी ज्यादा है कि वह किसी भी देश का मुकाबला आसानी से कर सकता है शायद यही वजह है कि जापान हर गरीब देश की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है| जापान टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बहुत ही शक्तिशाली देश है और इसी वजह से इस देश में काफी मैं और आधुनिक हथियार देखने मिलते हैं|
2 रूस
रोज दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश है जिसके पास दुनिया की ऐसी आधुनिक और खतरनाक हथियार हैं जिनके बारे में कोई अन्य देश सोच भी नहीं सकता है परमाणु शक्ति से परिपूर्ण देश हमेशा अन्य कई देशों की रक्षा के लिए तैयार होता है इतना ही नहीं रूस भारत का बहुत अच्छा मित्र देश है|
1 भारत
भारत दुनिया का इकलौता ऐसा देश है जिस के लगभग सभी देशों के साथ संबंध बहुत अच्छे हैं और यह हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार खड़ा रहता है| सैनी शक्ति के आधार पर भारत को दुनिया का चौथा सबसे शक्तिशाली देश कहा जाता है और यह हमेशा सद्भावना और मित्रता पर विश्वास करता है|

सौजन्य न्यूज़ 
कवि मनीष 

Wednesday, 21 August 2019

जीवन की डगर..

जीवन की डगर होती नहीं आसां,
जीवन की डगर होती नहीं आसां,
रहना है ज़िन्दा तो बनों चट्टान क्योंकि,
जीवन की डगर होती नहीं आसां 
कवि मनीष 

गज़ब,गज़ब,गज़ब..




डिलीवरी दौरान मरी मां ने 5 माह बाद बच्चे संग कराया फोटोशूट, चौंका देगा सच (Photos viral)

कभी सुना है कि मरने के बाद कोई शख्स तस्वीरें खिंचवाने के लिए आ गया हो । हैरान हो गए न लेकिन ऐसा ही अजीब मामला मलेशिया में सामने है । यहां डिलीवरी के बाद मरी मां 5 माह बाद अपने बच्चे के साथ फोटोशूट करवाने के लिए आ गई।
मृत मां अपने बच्चे के साथ खिंचवाईं फोटोज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। लोग इन तस्वीरों की हकीकत जान कर लोग और भी हैरान हो रहे हैं। दरअसल, मलेशिया की ही एडलिन नेल्डा नाम की एक महिला प्रेग्नेंट थीं. उसका चौथा बच्चा होने वाला था।एडलिन की इच्छा थी कि वो बच्चे के जन्म के बाद को एक फैमिली फोटोशूट कराएं। इसके लिए उन्होंने फोटोग्राफर ज़ारा हलीना से कॉन्टैक्ट किया और डिलीवरी के बाद की डेट फिक्स कर दी।
फोटोग्राफर ज़ारा, एडलिना और उसका परिवार इस शूट के लिए बेहद एक्साइटेड था। लेकिन दुर्भाग्यवश एडलिना की जान बच नहीं पाई लेकिन बच्चा बिल्कुल स्वस्थ्य हुआ। एडलिन की मौत के बाद पूरा परिवार ही नहीं बल्कि ज़ारा को भी बहुत दुख हुआ कि एडलिन का बच्चे के जन्म के बाद फैमिली फोटोशूट का सपना अधूरा रह गया। सोशल मीडिया पर ये फोटोशूट बहुत वायरल हुआ और सभी फोटोग्राफर ज़ारा की बहुत तारीफ कर रहे हैं।

सौजन्य न्यूज़ 
कवि मनीष 

Tuesday, 20 August 2019

हर राह..

हर राह हो जाती है आसान जब मन हो साफ़,
हर राह हो जाती है आसान जब दिल हो साफ़,
मिलती है मनचाही मंज़िल जरूर हों जब ईरादे नेक़,
हर राह हो जाती है आसान जब नियत हो साफ़ 
कवि मनीष 

Monday, 19 August 2019

जानिए भारत के कुछ अद्भुत पर्यटन स्थलों के बारे में..





खज्जियार - भारत का मिनी स्विट्जरलैंड
खजियार हिमाचल प्रदेश का एक छोटा सा पहाड़ी शहर है, जो सुंदर प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। 6,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित, इस जगह में विशाल घने जंगल, झीलें और विस्तृत चरागाह भूमि हैं। यह शहर सुरम्य खजियार झील के लिए जाना जाता है, जो देवदार के जंगलों से घिरा हुआ है। खजियार में एक और लोकप्रिय तीर्थ और पर्यटन स्थल है, 12 वीं शताब्दी का एक मंदिर, जो नाग देवता की पूजा करता है। पैराग्लाइडिंग, ज़ोरबिंग और घुड़सवारी सहित कुछ वास्तव में दिलचस्प साहसिक गतिविधियाँ हैं जो आप खजियार में आनंद ले सकते हैं। यात्रा करने का सर्वोत्तम समय: पूरे वर्ष में, विशेषकर गर्मियों में (अप्रैल-जून)। जनवरी और फरवरी में भारी वर्षा और बर्फबारी हो सकती है। कैसे पहुंचा जाये हवाई मार्ग से: धर्मशाला में निकटतम हवाई अड्डा गग्गल हवाई अड्डा (120 किमी) है रेल द्वारा: पठानकोट (118 किमी) निकटतम रेलवे स्टेशन है और दिल्ली, चंडीगढ़ और भटिंडा से ट्रेनों के माध्यम से पहुँचा जा सकता है। स्टेशन से खजियार के लिए टैक्सी उपलब्ध हैं। सड़क मार्ग द्वारा: खजियार, हिमाचल प्रदेश के प्रमुख शहरों से सड़क द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है कलातोप वन्यजीव अभयारण्य, भगवान शिव प्रतिमा, स्वर्ण देवी मंदिर, एचपी राज्य हस्तशिल्प केंद्रमाउंट आबू - राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन
माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है। अरावली रेंज पर स्थित होने के कारण यहाँ की जलवायु ठंडी है। वास्तव में, माउंट आबू के भीतर अरावली की सबसे ऊंची चोटी गिरती है। पहाड़ी स्टेशन हरे भरे जंगल से घिरे एक पठार पर स्थित है और नीचे मैदानों के शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है। इन सुरम्य स्थलों का आनंद लेने के लिए हनीमून प्वाइंट और सनसेट प्वाइंट सहित कई विशिष्ट दृष्टिकोण हैं। माउंट आबू में नौका विहार का आनंद लेने के लिए निकी झील एक लोकप्रिय स्थान है। यात्रा करने का सर्वोत्तम समय: जुलाई - फरवरी कैसे पहुंचा जाये हवाई मार्ग से: निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर (185 किमी) में है और अहमदाबाद हवाई अड्डे (221 किमी) में उच्च कनेक्टिविटी है। रेल मार्ग से: निकटतम रेलवे स्टेशन आबू रोड है, जो दिल्ली, मुंबई, जयपुर और अहमदाबाद जैसे प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है सड़क मार्ग से: माउंट आबू का निकटतम NH NH14 है और भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्य, नक्की झील, दिलवाड़ा मंदिर, टॉड रॉक, गुरु शिखर, अचलगढ़ गांव, गुरु शिखरनैनीताल - झीलों का शहर
2,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, नैनीताल उत्तराखंड के कुमाऊँ पहाड़ियों में एक रिसॉर्ट शहर है। इस जगह का नाम 'नैनी झील' नामक झील से मिला है जिसके चारों ओर पूरा शहर स्थापित है। झील बोटिंग दृश्यों के लिए लोकप्रिय है और इसके उत्तरी किनारे पर एक प्राचीन देवी हिंदू मंदिर है। पूरे वर्ष में नैनीताल की जलवायु सुखद होती है। कई बर्फ से ढकी पहाड़ियों से घिरी हुई और इसकी सीमा में कई झीलें हैं, यहाँ खूबसूरत नज़ारों का ढेर है, जिनका आनंद आप यहाँ ले सकते हैं। यात्रा करने का सर्वोत्तम समय: मार्च से जून कैसे पहुंचा जाये हवाई मार्ग से: पंतनगर हवाई अड्डा (72 किमी) नैनीताल का निकटतम हवाई अड्डा है। रेल मार्ग से: निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन (34 किमी) है, जो नैनीताल को दिल्ली, देहरादून, लखनऊ, कोलकाता और आगरा से जोड़ता है। आप स्टेशन से टैक्सी किराए पर ले सकते हैं। सड़क मार्ग द्वारा: नैनीताल सड़क के माध्यम से कई बड़े और छोटे शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और रात भर बस सेवाएं उपलब्ध हैं नैना पीक, टिफिन टॉप, स्नो व्यू पॉइंट, सरियाताल झील, भीमताल झील, खुरपाताल झील, इको केव गार्डन, द मॉल रोड
                              सौजन्य न्यूज़
                               कवि मनीष 

राब्ता

है इन्सान तो रख इन्सानियत से राब्ता,
है आदमी तो रख आदमियत से राब्ता,
हर किसी के लिए मन को रख सदा साफ़,
है शरीर तो रख रूह से राब्ता 
कवि मनीष 

Sunday, 18 August 2019

भगवान श्री कृष्ण


भगवान श्री कृष्ण जो कि विष्णु के एक अवतार माने जाते है।उनके द्वारा दिया गया गीता का ज्ञान आज भी मनुष्य को धर्म के मार्ग पर चलने को प्रेरित करता है |
लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण ने जब अपने शरीर का त्याग किया तब उनकी आयु कितनी थी? श्रीमद भागवत पुराण के अनुसार कृष्ण का जन्म 8वें मनु वैवस्वत के 28वें द्वापर में भाद्रपद कृष्णपक्ष की रात्री में हुआ था | उनका जन्म कारागृह में हुआ था |
इस अवस्था में भी दुर्योधन ने कृष्ण को बहुत भला बुरा बोलना शुरू कर दिया लेकिन कृष्ण शांत मन से उसकी समस्त आलोचनाओं को सुनते रहे | जब दुर्योधन का शांत हुआ तब भगवान कृष्ण ने उसे बताया कि तुमने तो उस योद्धा को मौका ही नहीं दिया, जो पांडवों को आसानी से हराकर तुम्हें युद्ध में विजयी बना सकता था |
उनकी मृत्यु बहेलिये के विषाक्त बाणों से हुई थी, जो कि रामायण काल में राजा बालि था | मृत्यु से पहले वासुदेव की शारीरिक आयु 119 वर्ष थी | हैरान कर देने वाली बात यह है कि वे शरीर का त्याग करने से पहले युवा ही थे और उनके शरीर पर वृद्धावस्था के कोई भी निशान नहीं थे |

सौजन्य न्यूज़
कवि मनीष 

महात्मा गाँधी

वतन के हाल पे हँसी न कीजिये,
जीवन के राह पे हँसी न कीजिये,
रहते हैं जिसके राष्ट्र में करिये उसका सम्मान,
है जहाँ लेते साँस उसपे हँसी न कीजिये 

कवि मनीष 

चित्र पे लिखे वचन महात्मा गाँधी के हैं ।

Saturday, 17 August 2019

तू ना रूकेगा कभी..

तू ना रूकेगा कभी,
तू ना झुकेगा कभी,
सामनें पहाड़ हो,
नदि विशाल हो,

तू है शेर ए हिन्द,
तू है जलाल ए वतन,
तू ना रूकेगा कभी,
तू ना झुकेगा कभी,

है नीला गगन तुझसे,
है हरी वसुन्धरा तुझसे,
तू है वक़्त की चाल,
तू रूकेगा ना कभी,

तू ना रूकेगा कभी,
तू ना झुकेगा कभी,
सामनें पहाड़ हो,
नदि विशाल हो 
कवि मनीष 



Friday, 16 August 2019

श्री अटल बिहारी वाजपयी जी को श्रद्धांजलि..

जब तक रहेगा समय तू रहेगा ज़िन्दा,
जब तक चलेगा समय तू रहेगा ज़िन्दा,
रोशनीं की हर किरण में रहेगा हमेशा तू,
जब तक रहेगा गगन तू रहेगा ज़िन्दा 
कवि मनीष 

Wednesday, 14 August 2019

रक्षाबंधन

है बंधन ये रक्षा का जो कहलाता है रक्षाबंधन,
है बंधन ये प्रेम का जो कहलाता है रक्षाबंधन,
बस ये बंधन कभी टूटे ना यही है कामना,
है मौसम ये बहार का जो कहलाता है रक्षाबंधन 

रक्षाबंधन की अनंत शुभकामनाएँ 
कवि मनीष 

स्वतंत्रता दिवस

है ख़ूबसूरत तस्वीर मेरे देश की,
है चमकती तक़दीर मेरे देश की,
क्योंकि हैं हम सारे बंधे भाईचारे के गुलदस्ते में,
है जीवित तस्वीर मेरे देश की

स्वतंत्रता दिवस की अनंत शुभकामनाएँ 
कवि मनीष 

Monday, 12 August 2019

चाँद की रोशनीं में..

चाँद की रोशनीं में है शीतलता अपार,
इसकी रोशनीं में है झलकता बहार,
है जन्नत का रास्ता इसकी रोशनीं,
इसकी पाक़ रोशनीं में है मुबारक़ आपको ईद का त्यौहार 
कवि मनीष 

Sunday, 11 August 2019

जब जुड़ती है..

जब जुड़ती है विश्वास की डोर तब बनता है एक रिश्ता मजबूत,
जब जुड़ती है एहसास की डोर तब बनता है एक रिश्ता मजबूत,
स्नेह के सागर में हीं है पैदा होता एक रिश्ता,
जब जुड़ती है प्यार की डोर तब बनता है एक रिश्ता मजबूत 
कवि मनीष 

Saturday, 10 August 2019

है कठिन जीवन की डगर..

है कठिन जीवन की डगर,
पर चलेगा तू हिम्मत है अगर,
हर साँस को जोड़कर ज़िन्दगी से,
तू समझ ले ज़िन्दगी का सफ़र,

बड़ी निराशा,बड़ी हताशा फैली है हर ओर,
पर तू बस अपनें आप पे कर गौर,
बस वो राह चुन जो है तेरा,
और बन जा ज़िन्दगी का सिरमौर,

है कठिन जीवन की डगर,
पर चलेगा तू हिम्मत है अगर,
हर साँस को जोड़कर ज़िन्दगी से,
तू समझ ले ज़िन्दगी का सफ़र

कवि मनीष 

Friday, 9 August 2019

जीवन के वे पल मुझे बड़े प्यारे थें,
जब साथ मेरे ममता के किनारे थें,
दिन का हर पहर आशाओं से था भरा हुआ,
हम दोनों एक दूसरे के जीनें के सहारे थें 
कवि मनीष 

Thursday, 8 August 2019

रूमानीं मुक्तक

हो तुम वो चाँद जिसमें कोई दाग नहीं,
हो तुम वो बाग़ जिसमें कोई ख़ार नहीं,
तुम हो लाली सहर की,
तुम हो वो आफ़ताब जिसमें कोई आग नहीं 
कवि मनीष 

Wednesday, 7 August 2019

मन को कर ले क़ाबू मंज़िल जरूर मिलेगी,
दे ख़ुद का साथ तू मंज़िल जरूर मिलेगी,
बस मन को कर एकाग्र बढ़ता जा,
बस इस बात को बांध ले गांठ तू मंज़िल जरूर मिलेगी 
कवि मनीष 

Tuesday, 6 August 2019

श्रीमती सुषमा स्वराज के लिए..

हुआ बड़ा गहरा शोक आपके जानें का,
नहीं भर पाएगा जगह कोई आपके जानें का
कवि मनीष 
अब भारत का स्वर्ग वाकई में स्वर्ग होगा,
सारा देश एकजुट होकर सर्वशक्तिशाली बनेगा,
अब बचा एक हिस्सा और लेनें की बारी है,
तब भारत का स्वर्ग विश्व का भी स्वर्ग होगा
कवि मनीष 

Sunday, 4 August 2019

रूबाई

२२२२,२२२,२२२
जीवन के हर पल को तू जी हर दम,
जीवन के हर क्षण को तू जी हर दम,
इक दिन तो जाना है सबको हीं तो,
जीवन के हर पल को तू जी हरदम

रूबाई
कवि मनीष 

Saturday, 3 August 2019

है इन्सान तू तो..

है इन्सान तू तो औरों से भी प्यार कर,
ईर्ष्या को त्याग कर जीवन का उद्धार कर,
ख़ुद की मेहनत से पहन सफ़लता का ताज़,
औरों के सफ़लता के पीछे की मेहनत को तू सलाम कर
कवि मनीष 

प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...