Saturday, 10 August 2019

है कठिन जीवन की डगर..

है कठिन जीवन की डगर,
पर चलेगा तू हिम्मत है अगर,
हर साँस को जोड़कर ज़िन्दगी से,
तू समझ ले ज़िन्दगी का सफ़र,

बड़ी निराशा,बड़ी हताशा फैली है हर ओर,
पर तू बस अपनें आप पे कर गौर,
बस वो राह चुन जो है तेरा,
और बन जा ज़िन्दगी का सिरमौर,

है कठिन जीवन की डगर,
पर चलेगा तू हिम्मत है अगर,
हर साँस को जोड़कर ज़िन्दगी से,
तू समझ ले ज़िन्दगी का सफ़र

कवि मनीष 

No comments:

Post a Comment

प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...