है कठिन जीवन की डगर,
पर चलेगा तू हिम्मत है अगर,
हर साँस को जोड़कर ज़िन्दगी से,
तू समझ ले ज़िन्दगी का सफ़र,
बड़ी निराशा,बड़ी हताशा फैली है हर ओर,
पर तू बस अपनें आप पे कर गौर,
बस वो राह चुन जो है तेरा,
और बन जा ज़िन्दगी का सिरमौर,
है कठिन जीवन की डगर,
पर चलेगा तू हिम्मत है अगर,
हर साँस को जोड़कर ज़िन्दगी से,
तू समझ ले ज़िन्दगी का सफ़र
कवि मनीष
पर चलेगा तू हिम्मत है अगर,
हर साँस को जोड़कर ज़िन्दगी से,
तू समझ ले ज़िन्दगी का सफ़र,
बड़ी निराशा,बड़ी हताशा फैली है हर ओर,
पर तू बस अपनें आप पे कर गौर,
बस वो राह चुन जो है तेरा,
और बन जा ज़िन्दगी का सिरमौर,
है कठिन जीवन की डगर,
पर चलेगा तू हिम्मत है अगर,
हर साँस को जोड़कर ज़िन्दगी से,
तू समझ ले ज़िन्दगी का सफ़र
कवि मनीष
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