Sunday 29 September 2019

खुशियों का है आया मौसम सुहाना,
है आया नवरात्रा का पर्व सुहाना,
माता की असीम कृपा बनीं रहे हम सब पर,
दे सब को शांति बस यही है कहता तेरा पुत्र दिवाना

नवरात्रा की असीम शुभकामनाएँ 
कवि मनीष 

Saturday 28 September 2019

वीरों का रक्त जब धरती पर बहता है,
धरती के हर कोनें में वो आग की तरह धधकता है,
फिर वो धधकती आग गुनहगारों को जलानें के लिए है बढ़ती,
दुश्मनों की जिस्मों को राख कर वो ख़ुद पर गर्व करता है 

सर्जिकल स्ट्राईक (२९ सितंबर) करनें वाले जवानों के लिए बस यही है कहना,
विजय पथ पर तू सदा बढ़ते रहना ।
कवि मनीष 

है जुनून दिल में तो लिखो इबारत आज़ादी की,
भ्रष्टाचार में लिपटे लोगों की लिखो इबारत तबाही की,
क्रांति की मशाल जलाके भीतर अपनें,
हर हाल में लिखो इबारत आज़ादी की 

महान क्रांतिकारी भगत सिंह (28 सितंबर) के जन्म दिवस पर यही है कामना जब भी पाप सीमा लांगे क्रांति की हीं मशाल थामना ।
कवि मनीष

Friday 27 September 2019

Thursday 26 September 2019

Monday 23 September 2019

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2222,222,222

मेरे मन में भी है रहता इक मन,
मेरे मन में भी है रहता इक मन,
है सावन जैसे हूँ मैं वैसा हीं,
मेरे मन में भी है रहता इक मन

रूबाई 
कवि मनीष 

Sunday 22 September 2019

2222,222,222

है वो बातें मेरे भीतर जिंदा,
है वो साँसें मेरे भीतर जिंदा,
जो सब ग़म की रातों को दिन कर दें,
है वो साँसें मेरे भीतर जिंदा 
कवि मनीष 

Friday 20 September 2019


2222,222,222

हम तो डरते थें मरनें से हर दिन,
हम तो भागते थें जीनें से हर दिन,
पर अब हर खुशबू प्यारी लगती है,
अब तो बचते हैं मरनें से हर दिन 

रूबाई 
कवि मनीष 

कवि मनीष 

Wednesday 18 September 2019

हक़ीक़त

आईन ए हक़ीक़त से जब हुआ,
उस दिन सामना,
मैं समझ गया अब तो बस है,
ज़िन्दगी भर जागना,

जिस दिन सो गया,
ये ज़िन्दगी भी जाएगी सो,
फ़िर पड़ेगा रोज़,
ख़ुद से हीं भागना,

मैं ये समझ गया,
है ज़िन्दगी पहाड़,
और मैं हूँ इसका पर्वतारोही,
और मुझे है हर क़ीमत पर इसे नापना,

ज़िन्दगी में बहोत बन लिया राम,
अब रावण का है क़िरदार निभाना,
मैं हूँ सबसे बड़ा,
अब बस यही है समझना,

आईना ए हक़ीक़त से जब हुआ,
उस दिन सामना,
अब तो बस है,
ज़िन्दगी भर जागना 
कवि मनीष 

Tuesday 17 September 2019

बधाई

देश का करो कल्याण ऐ तुम मोदी सरकार,
अब पी.ओ.के. हीं लाएगा देश में बहार 

प्रधानमंत्री को जन्म दिन की हार्दिक बधाई
कवि मनीष 

Monday 16 September 2019

विश्वकर्मा पूजा की अनेकों शुभकामनाएँ

सब जन को दो सद्ज्ञान बस तुम ओ भगवान,
सब लोगों को है मुबारक़ विश्वकर्मा पूजा का त्यौहार
#कविमनीष 

Films

Films are essential part of our life. It gives relief from stress. It gives us entetainment and knowledge. But from a few decades quality of Indian cinema fallen down.
Only few feature films are good and universal but most films are very vulgur and scriptless.
According to me the lake of script writers is main cause of this situation of bollywood. 
If quantity of script writers increase then quality of today's Indian cinema will also improve. 

By,
Manish Kumar 
(Kavi Manish)

Tuesday 10 September 2019

है जन्नत से आवाज़ उठी..

है जन्नत से आवाज़ उठी,
अब कश्मीर सिर्फ़ हमारा है,
आतंक के दलदल में,
डूबनें का अब ना विचार हमारा है,

बहोत भटका चुके तुम हमको,
अब ख़ुद को रस्ते पे लाना है,
ऐ आतंक के ठेकेदारों,
अब चलनें वाला ना तुम्हारा कोई चारा है,

अब अपनें बिछड़े इक हिस्से को भी हम ले लेंगे,
तुम्हारे भेजे को अब कारतूसों से खोलेंगे,
अब हर एक दहशतगर्द को दिखनेंवाला,
जहन्नुम का नज़ारा है,

है जन्नत से आवाज़ उठी,
अब कश्मीर सिर्फ़ हमारा है,
आतंक के दलदल में,
डूबनें का अब ना विचार हमारा है 
कवि मनीष   

Sunday 8 September 2019

हर हर महादेव


यहाँ है दुन‍िया का सबसे ऊंचा श‍िवल‍िंग, 51 लाख रुद्राक्ष से है बना

गुजरात के जूनागढ़ में विश्व का सबसे ऊंचा रुद्राक्ष का शिवलिंग बनाया गया है. अभी तक व‍िश्व में सबसे ऊंचा रुद्राक्ष का श‍िवल‍िंग राजस्थान के जोधपुर ज‍िले में था ज‍िसकी ऊंचाई 33 फीट है.
महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर जूनागढ़ में मिनी कुम्भ मेला शुरू हो रहा है. इसका सबसे बड़ा आकर्षण बना ये शिवलिंग 51 फिट ऊंचा है जो कि एक र‍िकॉर्ड है. इसे देख लोग श्रद्धा के साथ स‍िर झुका रहे हैं.
ये शिवलिंग 51 लाख रुद्राक्ष से बनाया गया है. श‍िवल‍िंग को दूर से देखने पर ये अंदाज ही नहीं होता क‍ि ये रुद्राक्ष का बना है. पास आते ही इसकी भव्यता नजर आती है. इसके चारों ओर एक बड़ी से माला भी पहनाई गई है.
यहां दर्शन के लिए आ रहे लोगों मे ये आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. जनता इस श‍िवल‍िंग को देखकर भाव-व‍िभोर हो रही है. सभी के ल‍िए ये अव‍िस्मरणीय पल बन रहा है. गुजरात के राज्यपाल ओपी कोहली ने भवनाथ मन्दिर में ध्वजारोहण किया ज‍िसके बाद भक्तों के दर्शन के लिए ये श‍िवल‍िंग खोल दिया.
इससे पहले जोधपुर शहर से करीब 65 किलोमीटर दूर सच्चियाय माता मंदिर के लिए प्रसिद्ध ओसियां में 25 लाख रुद्राक्ष से बना 33 फीट ऊंचा रुद्राक्ष का शिवलिंग बना था. अब तक वही विश्व में सबसे ऊंचा रुद्राक्ष शिवलिंग था.
#कविमनीष 

छू लो आसमान..


Saturday 7 September 2019

मेरा मन

मेरा मन उड़ता है,
नील गगन,
कभी यहाँ-कभी वहाँ,
जल-थल, उपवन,

मेरा मन उड़ता है,
नील गगन,

है चंचल ये,
मृग की भाँति,
पलक झपकते,
नाप लेता है गगन,

मेरा मन उड़ता है,
नील गगन,
कभी यहाँ-कभी वहाँ,
जल थल उपवन
कवि मनीष 

कोशिश


Thursday 5 September 2019

रास्ते


गुरु

जो दिखलाए  सही मार्ग वही गुरू है,
जो पहनाए सफ़लता का ताज वही गुरू है,
सदा सिखाए हर परिस्थिति का करना सामना,
जो पढ़ाए इन्सानियत का पाठ वही गुरू है 
कवि मनीष 

Wednesday 4 September 2019

हो शिक्षक..

हो शिक्षक तो विद्यार्थी को भी सम्मान दो,
जो करते हैं जी-तोड़ मेहनत उन्हें सही राह दो,
करके उनसे ईर्ष्या उनके जीवन को न करो बर्बाद,
हो शिक्षक तो सम्मान के बदले सम्मान दो
कवि मनीष 

Tuesday 3 September 2019

मैं तू हूँ आसमाँ..

मैं तो हूँ आसमाँ,
जो है अनंत,
मैं तो हूँ सागर,
जो है अथाह,

क्या बिगाड़ेगी मौत मेरा,
मौत तो है मेरा यार,
जब तक है ज़िन्दगी,
ये चलेगी साथ-साथ,

हूँ मैं वो आफ़ताब,
जो कभी बुझेगा नहीं,
हूँ मैं वो सहर,
जो कभी ढ़लेगा नहीं,

मैं तो हूँ आसमाँ,
जो है अनंत,
मैं तो हूँ सागर,
जो है अथाह 
कवि मनीष 

मैं चलता हूँ वहाँ,
जहाँ है जीवन की डगर,
मैं रहता हूँ वहाँ,
जो है जीवन का घर,

जब होता है आकाश नीला,
तब प्रकृति में कोई क्लेश नहीं रहता,
होता है सबकुछ स्वच्छ,
रहता नहीं अगर-मगर,

मैं चलता हूँ वहाँ,
जहाँ है जीवन की डगर,
मैं रहता हूँ वहाँ,
जो है जीवन का घर 
कवि मनीष 

Monday 2 September 2019

है जीवन बड़ा कठिन पर चलना है,
है मंज़िल बड़ी दूर पर पाना है,
लिखना है इबारत क़ामयाबी की,
है रास्ता बड़ा कठिन पर चलना है 
कवि मनीष 

Sunday 1 September 2019

ज़िन्दगी के हैं रंग कई..

ज़िन्दगी के हैं रंग कई,
कभी रंगीन, कभी बेरंग,
जैसे मौसम के हैं रंग कई,
ज़िन्दगी के हैं रंग कई,

जीवन का तो है बस काम यही,
कभी ग़म तो कभी देता है खुशी के पल कई,
जो स्वीकारता है जीवन के सारे रूप,
उसी के जीनें का है ढंग सही,

ज़िन्दगी के हैं रंग कई,
कभी रंगीन, कभी बेरंग,
जैसे मौसम के हैं रंग कई,
ज़िन्दगी के हैं रंग कई 
कवि मनीष 

प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...