Saturday, 7 September 2019

मेरा मन

मेरा मन उड़ता है,
नील गगन,
कभी यहाँ-कभी वहाँ,
जल-थल, उपवन,

मेरा मन उड़ता है,
नील गगन,

है चंचल ये,
मृग की भाँति,
पलक झपकते,
नाप लेता है गगन,

मेरा मन उड़ता है,
नील गगन,
कभी यहाँ-कभी वहाँ,
जल थल उपवन
कवि मनीष 

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