Friday 25 October 2019

हर वक्त रोशन हो दीया आप सभी के घर में,
हर वक्त हो उजाला आप सभी के घर में,
रंग-बिरंगे सितारों से भरा हो आकाश,
दीपावली से चमचमाता हो हर गलियारा आप सभी के घर में 

शुभ दीपावली
कवि मनीष 

Thursday 24 October 2019

धन की वर्षा हो घर में आपके बार-बार,
स्वर्ण सुसज्जित हो जाएँ आपके घरों की दीवार,
आसमाँ हो हर घड़ी सर पे ख़ुला,
मुबारक़ हो आप सभी को धन तेरस का त्यौहार 

शुभ धनतेरस
कवि मनीष 

Tuesday 8 October 2019

माँ दुर्गा विदाई गीत

प्रेम और आशीष बरसा के,
चली माँ फिर रूला के,
फिर आऊँगी अगले बरस,
चली माँ ये वादा करके,

आँखों में है तेरे भी पानीं,
क्यों छुपानें की कर रही है, तू नादानीं,
मुझे छोड़के जानें की,
क्यों कर रही है क़ुर्बानीं,

मैं तो हूँ इक बादल,
तू है बरखा सुहानीं,
छोड़के तेरा आँचल,
मैं कहाँ जाऊँगा दिवानीं,

प्रेम और आशीष बरसा के,
चली माँ फिर रूला के,
फिर आऊँगी अगले बरस,
चली माँ ये वादा करके 

जय माता की
कवि मनीष 


श्री श्री बड़ी देवी जी मारूफ़गंज 

Wednesday 2 October 2019

कुछ लोग समझते हैं दुश्मन उसे,
पर मैं समझता हूँ परमेश्वर उसे,
जो कोई नहीं कर पाया किया तो उसनें हीं,
जो देता है बापू को गाली मैं कहता हूँ गद्दार उसे

परम पूज्य परमेश्वर महात्मा गाँधी जी की जयंती पर बस यही है कहना,
सदा उनकी भाँति हीं तुम भी अहिंसा व सत्य पथ पर चलते रहना ।
कवि मनीष 

Tuesday 1 October 2019

मईया तोहार चुनरी,
बा लाल,लाल,लाल,
करअ ह सिंह के सवारी,
करअ ह तू तअ,
कमाल,कमाल,कमाल,

मईया तोहार चुनरी,
बा लाल,लाल,लाल,

जग के बचावअ ह तू तअ,
तू जानअ ह जग के,
हाल,हाल,हाल,

मईया तोहार चुनरी बा,
लाल,लाल,लाल,

चाँद जईसन चमकेला,
तोहार दरबार,दरबार,दरबार,
तू हीं चमकावअ ह,
सबके घर दुआर,दुआर,दुआर,

मईया तोहार चुनरी बा,
लाल,लाल,लाल,
मईया तोहार चुनरी बा,
लाल,लाल,लाल,

मईया तोहार चुनरी बा,
लाल,लाल,लाल 
कवि मनीष 

प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...