Thursday, 24 October 2019

धन की वर्षा हो घर में आपके बार-बार,
स्वर्ण सुसज्जित हो जाएँ आपके घरों की दीवार,
आसमाँ हो हर घड़ी सर पे ख़ुला,
मुबारक़ हो आप सभी को धन तेरस का त्यौहार 

शुभ धनतेरस
कवि मनीष 

No comments:

Post a Comment

प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...