मईया तोहार चुनरी,
बा लाल,लाल,लाल,
करअ ह सिंह के सवारी,
करअ ह तू तअ,
कमाल,कमाल,कमाल,
मईया तोहार चुनरी,
बा लाल,लाल,लाल,
जग के बचावअ ह तू तअ,
तू जानअ ह जग के,
हाल,हाल,हाल,
मईया तोहार चुनरी बा,
लाल,लाल,लाल,
चाँद जईसन चमकेला,
तोहार दरबार,दरबार,दरबार,
तू हीं चमकावअ ह,
सबके घर दुआर,दुआर,दुआर,
मईया तोहार चुनरी बा,
लाल,लाल,लाल,
मईया तोहार चुनरी बा,
लाल,लाल,लाल,
मईया तोहार चुनरी बा,
लाल,लाल,लाल
कवि मनीष
No comments:
Post a Comment