Friday, 8 May 2020

जब है आती रात अमावस की कुछ सूझता नहीं,
कहाँ छुपी है पूनम ये दिखता नहीं,
इन्सान की ग़लती की सज़ा हर कोई है भुगतता,
पर इन्सान को तो अपनें स्वार्थ के आगे कुछ दिखता नहीं 

#विशाखापत्तनमगैसलीक
#कविमनीष 
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