Thursday 23 July 2020

इठलाती-बलखाती आई मैं,
बदरा बन हरसू छाई मैं,
मेरे श्याम तेरे मुख को देख,
सहसा देख लजाई मैं,

तेरे बांसुरी की तान का है क्या कहना,
तू हीं तो है सातों सुरों का गहना,
नीला गगन हो गया ग़ुलाबी,
तेरे तान की बोल बन गई मैं,

इठलाती-बलखाती आई मैं,
बदरा बन हरसूं छाई मैं,
मेरे श्याम तेरे मुख को देख,
सहसा देख लजाई मैं 

कवि मनीष 
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