जानिए महाभारत वास्तविकता के बारे में ये रोचक तथ्य..
1: द्वारका नगरी
द्वापरयुग के अंत में भगवान कृष्ण की द्वारका नगरी जलमग्न हो गयी थी | पुरातत्व शास्त्रियों ने गुजरात से लगे हुए समुद्र के भीतर से लेकर अरब सागर तक एक ऐसे प्राचीन नगर और सभ्यता को खोज निकाला है, जिसे महाभारत काल का ही माना जा रहा है | यहाँ की वास्तुकला से इस बात को और भी बल मिलता है |
द्वापरयुग के अंत में भगवान कृष्ण की द्वारका नगरी जलमग्न हो गयी थी | पुरातत्व शास्त्रियों ने गुजरात से लगे हुए समुद्र के भीतर से लेकर अरब सागर तक एक ऐसे प्राचीन नगर और सभ्यता को खोज निकाला है, जिसे महाभारत काल का ही माना जा रहा है | यहाँ की वास्तुकला से इस बात को और भी बल मिलता है |
2: राजवंश
महाभारत धर्मग्रन्थ की का आरंभ राजा मनु से हुआ था | इस वंश के पचास से भी अधिक शासकों का उल्लेख महाभारत में किया गया है | अगर ये मात्र कोई कल्पना होती तो लेखक पूरी वंशावली के बारे में न बताकर भी अपनी बातों को शुरू कर सकता था | क्यों कोई 50 से भी अधिक वंशावली का उल्लेख किसी काल्पनिक महाकाव्य में करेगा |
महाभारत धर्मग्रन्थ की का आरंभ राजा मनु से हुआ था | इस वंश के पचास से भी अधिक शासकों का उल्लेख महाभारत में किया गया है | अगर ये मात्र कोई कल्पना होती तो लेखक पूरी वंशावली के बारे में न बताकर भी अपनी बातों को शुरू कर सकता था | क्यों कोई 50 से भी अधिक वंशावली का उल्लेख किसी काल्पनिक महाकाव्य में करेगा |
3: वर्तमान शहर
आज भी भारत में 35 से अधिक ऐसे शहर हैं, जिनका वर्णन महाभारत में हुआ है | इसमें हस्तिनापुर जो आज मेरठ के नाम से जाना जाता है, अंगप्रदेश जो आज का गोंडा और बहराइच शहर है एवं इन्द्रप्रस्थ जो आज भारत की राजधानी दिल्ली है | इन सभी का वर्णन है |
आज भी भारत में 35 से अधिक ऐसे शहर हैं, जिनका वर्णन महाभारत में हुआ है | इसमें हस्तिनापुर जो आज मेरठ के नाम से जाना जाता है, अंगप्रदेश जो आज का गोंडा और बहराइच शहर है एवं इन्द्रप्रस्थ जो आज भारत की राजधानी दिल्ली है | इन सभी का वर्णन है |
4: कलियुग
भगवतगीता में भगवान कृष्ण ने कलियुग का उल्लेख बड़े ही विस्तारपूर्वक किया है | हैरानी की बात यह है कि उनके द्वारा बताई गयी सभी बातेंं आज के समय में भी बिल्कुल सटीक हैं ।
भगवतगीता में भगवान कृष्ण ने कलियुग का उल्लेख बड़े ही विस्तारपूर्वक किया है | हैरानी की बात यह है कि उनके द्वारा बताई गयी सभी बातेंं आज के समय में भी बिल्कुल सटीक हैं ।
सौजन्य न्यूज़
कवि मनीष
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