Wednesday, 22 July 2020

है नाता जीवन से मौत से नहीं,
है नाता वफ़ा से दग़ा से नहीं,
जीवन है जिनका औरों के लिए,
हो रहतें वंचित कभी परमेश्वर की दया से नहीं 

कवि मनीष 
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