Tuesday, 3 September 2019

मैं तू हूँ आसमाँ..

मैं तो हूँ आसमाँ,
जो है अनंत,
मैं तो हूँ सागर,
जो है अथाह,

क्या बिगाड़ेगी मौत मेरा,
मौत तो है मेरा यार,
जब तक है ज़िन्दगी,
ये चलेगी साथ-साथ,

हूँ मैं वो आफ़ताब,
जो कभी बुझेगा नहीं,
हूँ मैं वो सहर,
जो कभी ढ़लेगा नहीं,

मैं तो हूँ आसमाँ,
जो है अनंत,
मैं तो हूँ सागर,
जो है अथाह 
कवि मनीष 

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