Tuesday, 20 August 2019

हर राह..

हर राह हो जाती है आसान जब मन हो साफ़,
हर राह हो जाती है आसान जब दिल हो साफ़,
मिलती है मनचाही मंज़िल जरूर हों जब ईरादे नेक़,
हर राह हो जाती है आसान जब नियत हो साफ़ 
कवि मनीष 

No comments:

Post a Comment

प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...