Sunday, 25 August 2019

श्री अरूण जेटली

मौत किसी का ग़ुलाम नहीं होता,
ज़िन्दगी का वो मेहमान नहीं होता,
कब उसके शिकंजे में कौन आ जाए,
किसी को इसका अनुमान नहीं होता
कवि मनीष 

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