Saturday, 31 August 2019

जीवन

जीवन है गुलशन रंग-बिरंगे फूलों का,
जीवन है आकाश चमचमाते सितारों का,
है इन्सानियत जिसके भीतर जिंदा,
जीवन है उसका दर्पण सच्चे नजारों का
कवि मनीष 

No comments:

Post a Comment

प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...