Friday, 31 January 2020

हे शिव है तू कालों का काल, है तू महाकाल,
जब करे धरती त्राहि-त्राहि, तू खोल अपनें नेत्र और ले आ भूचाल

कवि मनीष 
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Thursday, 30 January 2020


है जीवन तो जियो औरों के लिए,
शांति,अमन फ़ैलानें के लिए,
जो करता नहीं सत्य की इज़्ज़त,
वो विलुप्त है हो जाता अपवित्रता के दलदल में सदा के लिए  

कवि मनीष
३० जनवरी १९४८
महात्मा गाँधी पुण्य तिथी
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विद्यादायिनी माँ सरस्वती कर पूरी हम सब की मनःकामना,
दे तू हमें वो वरदान जिससे ज्ञानीं बनें हम और वसंत राज पधारें रोज़ हमारे अंगना 


वसंत पंचमी एवम् सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ 

कवि मनीष 
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Wednesday, 29 January 2020





है बढ़ जाता नीले गगन का अभिमान,
जब फहराता है हमारा तिरंगा महान
#कविमनीष
#बीटींगरिट्रीट
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Tuesday, 28 January 2020

है जीवन वो सागर,
जिसमें हैं छिपे अनेक ख़ज़ानें,
कभी ख़ुशी, कभी ग़म,
ये अक़्सर बाँटे,

कभी देता है साहिल,
तो कभी डूबोता है ये बीच मझधार,
कभी देता है काँटे,
तो कभी देता है ये रंगो भरी बहार,

है जीवन वो बाग़,
जो कभी शूल तो कभी पुष्प बाँटे,

है जीवन वो सागर,
जिसमें हैं छिपे अनेक ख़ज़ानें,
कभी ख़ुशी, कभी ग़म,
ये अक़्सर बाँटे 

कवि मनीष 
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Monday, 27 January 2020

है जीवन तो,
एक चलती कश्ती के समान,
कभी आँधी,कभी तूफां,

झेलती एक कश्ती के समान,
है जीवन तो,
एक चलती कश्ती के समान,

कभी मज़े में तो कभी सज़े में,
चलती एक कश्ती के समान,
है जीवन तो,
एक चलती कश्ती के समान,

कभी किनारे से मिलती,
तो कभी मझधार में फँसती,
एक कश्ती के समान,

है जीवन तो,
नीर पे मचलती,
कश्ती के समान,

है जीवन तो,
एक चलती कश्ती के समान,
कभी आँधी,कभी तूफां झेलती,
एक कश्ती के समान,

है जीवन तो,
एक चलती कश्ती के समान 

कवि मनीष 
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Saturday, 25 January 2020

आज आदमीं बात-बात पर है बन जाता लफंगा,
संविधान का वस्त्र फाड़कर है कर देता नंगा,
है आज हर रोज़ संविधान का पाठ पढ़ानें की ज़रूरत,
बस यही आज चाहत ए वतन है सीख देता मलंगा 
गणतंत्र दिवस की ढेरों शुभकामनाएँ ।

कवि मनीष **************************************
है जैसे धरती जीवन का नाम दूजा,
है वैसे हीं साईं कृपा का नाम दूजा

कवि मनीष 
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है करता जो जीवन मानवता को अर्पण,
बस है वही राम राज का दर्पण,
है जीवन तो राम का सरोवर के जैसा,
जो अपनीं मधुरता से है करता सभी को अतिपावन

कवि मनीष 
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Friday, 24 January 2020

कभी देता है उजियारा तो कभी अंधियारा,
ये है चाँद जो सिखलाता है जीवन का फ़लसफ़ा प्यारा

मौनी अमावस्या की शुभकामनाएँ 

कवि मनीष 
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जब प्रेम है फैलाता अपना चादर,
तब जन्म लेती है इक कली जो खिलके बनती है फूलों का आँचल
राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएँ
कवि मनीष
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है जीवन उनका हीं सितारों के जैसा,
जो करते हैं वतन की हिफ़ाज़त चट्टानों के जैसा

कवि मनीष 
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Thursday, 23 January 2020

है क्रांति की मशाल का वो अग्रदूत,
है भारत माँ का वो एक अमर सपूत

कवि मनीष 
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Wednesday, 22 January 2020

मृत्यु भी सर उसके आगे झुकाती है,
जब जवान जीत का परचम लहराता है 

कवि मनीष 
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Tuesday, 21 January 2020


जिसे तेरा-मेरा से है नहीं कोई काम,
उसे अपनीं कृपा के सागर में कराते हैं स्नान श्री राम

कवि मनीष 
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Monday, 20 January 2020

हरी-हरी धरती लहलहाती है हरघड़ी,
जब इसके हरियाली को हैं हम पूजते हरघड़ी 

हरियाली तीज
गुरूवार, २३ जुलाई

कवि मनीष 


Sunday, 19 January 2020

साईं नाम है सुगंधित पुष्पों का भंडार,
होते हैं सभी पीड़ा के अंत जो करतें साईं का जयकार

कवि मनीष 
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Saturday, 18 January 2020

आज और कल सब मेरा, तेरा है,
हे शिव उजियारा तो बस तेरे हीं मुख पर है,बाकि तो सब जगह अंधेरा है 

कवि मनीष 
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Friday, 17 January 2020

है आज और कल सब उसी का,
है दाता वो सुख,समृद्धि और जीवन का

कवि मनीष 
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Thursday, 16 January 2020


साईं न देखे दिमाग,
साईं तो सुनें केवल दिल की फ़रियाद

कवि मनीष 
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Wednesday, 15 January 2020

सूरज पधारा मस्तक पे गया अंधकार,
मुबारक हो आप सभी को मकर संक्रांति का त्यौहार

कवि मनीष 
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Tuesday, 14 January 2020

मातृभूमि के लिए करता है जीवन अर्पण,
हैं शहीद हीं सबके ख़ातिर देशभक्ति का दर्पण

कवि मनीष 
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Monday, 13 January 2020

शरमाती हो तुम तो लगता ऐसे,
बादलों के पीछे चाँद छुपा हो जैसे

कवि मनीष 
दुनिया पूजती है सदा उसे जय करकर,
जो करता है प्राप्त लक्ष्य गाँधी के राह पर चलकर

कवि मनीष 
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Sunday, 12 January 2020


हो जाता जीवन गगन रंग-बिरंगा
जब बहाता है साईं किरपा की गंगा

कवि मनीष 
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Saturday, 11 January 2020




जीवन पथ पर बढ़ता चल,
ऐ इंसान तू सत्कर्म करता चल,
राह ए ज़िन्दगी में तो शूलों का चुभना है आम,
तू बहार की ओर बढ़ता चल,

जीवन पथ पर बढ़ता चल,

है तेरा जीवन वो नदि,
जो सूखेगी न कभी,
है तेरा जीवन वो कश्ती,
जो डूबेगी न कभी,

तू साहिल ए ज़िन्दगी की ओर बढ़ता चल,
जीवन पथ पर बढ़ता चल,

तू है वो चट्टान,
जो हिलेगा न कभी,
तू है वो तूफ़ान,
जो थमेगा न कभी,

तू क्षितिज की ओर बढ़ता चल,
जीवन पथ पर बढ़ता चल,

जीवन पथ पर बढ़ता चल,
ऐ इंसान तू सत्कर्म करता चल,
राह ए ज़िन्दगी में तो शूलों का चुभना है आम,
तू बहार की ओर बढ़ता चल,

जीवन पथ पर बढ़ता चल,
जीवन पथ पर बढ़ता चल,
जीवन पथ पर बढ़ता चल 

कवि मनीष 
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Friday, 10 January 2020

जब तक मन में है तेरे निराशा बरकरार,
किरणें आशा की न आएँगी तेरे द्वार

कवि मनीष 
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Thursday, 9 January 2020

है पेड़ हीं जीवन का स्रोत,
पेड़ बिना नहीं जलता जीवन ज्योत,
पेड़ों को सदा रखना बचाके,
क्योंकि पेड़ हीं हैं जीवन का स्रोत 

कवि मनीष 



Wednesday, 8 January 2020

जो करता है केवल राजनीति वो अभिनेता है,
जो निभाता है देशधर्म वो नेता है 

   कवि मनीष   

Tuesday, 7 January 2020

आग लगी है चारों ओर,
पर करता नहीं कोई गौर,
इन्सान बना है इन्सान का दुश्मन,
इन्सानियत न रहा किसी का सिरमौर,

आज बहती है गंगा सहम,सहमकर,
आज चलता है शैतान तनकर,
आज कहतें सब ईमानदार को चोर,

आज लगी है चारों ओर,
पर करता नहीं कोई गौर,
इन्सान बना है इन्सान का दुश्मन,
इन्सानियत न रहा किसी का सिरमौर 

कवि मनीष 
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कवि मनीष, रूबाई

Monday, 6 January 2020

कोई नहीं देता सहारा,
सहारा ख़ुद है बनना पड़ता,
है शूलों से भरा अगर रास्ता,
तो स्वयं है चलना पड़ता,

है नभ में तारे अनेक,
पर कोई किसी को रोशन नहीं करता,
अपनीं हस्ती को स्वयं हीं बनाना है पड़ता,
स्वयं रोशन स्वयं हीं है करना पड़ता,

कोई नहीं देता सहारा,
सहारा ख़ुद है बनना पड़ता,
है शूलों से भरा अगर रास्ता,
तो स्वयं है चलना पड़ता 

कवि मनीष 

Sunday, 5 January 2020

है हो रहा उजाला,
है जा रहा अंधेरा,
जीवन है बसा रहा,
बहारों में बसेरा,

है सूरज चमक रहा,
चाँदनीं चटक रही,
ग़ुलों के सुगन्ध से,
जीवन बाग है महक रहा,

है हो रहा उजाला,
है जा रहा अंधेरा,
जीवन है बसा रहा,
बहारों में बसेरा

कवि मनीष 
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Saturday, 4 January 2020

क्रोध में नेत्रों से निकले शोले,
सारा जग कहे उसे शिव-भोले

कवि मनीष 
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Thursday, 2 January 2020





है कृपाण में वो धार मेरी की मृत्यु भी ख़ुद से डरे,
गुनाहों की सारी जात यम का आहार बनें

गुरु गोविंद सिंह जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
कवि मनीष 
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प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...