Saturday, 25 January 2020

है करता जो जीवन मानवता को अर्पण,
बस है वही राम राज का दर्पण,
है जीवन तो राम का सरोवर के जैसा,
जो अपनीं मधुरता से है करता सभी को अतिपावन

कवि मनीष 
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