Sunday, 19 January 2020

साईं नाम है सुगंधित पुष्पों का भंडार,
होते हैं सभी पीड़ा के अंत जो करतें साईं का जयकार

कवि मनीष 
**************************************

No comments:

Post a Comment

प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...