Saturday, 25 January 2020

आज आदमीं बात-बात पर है बन जाता लफंगा,
संविधान का वस्त्र फाड़कर है कर देता नंगा,
है आज हर रोज़ संविधान का पाठ पढ़ानें की ज़रूरत,
बस यही आज चाहत ए वतन है सीख देता मलंगा 
गणतंत्र दिवस की ढेरों शुभकामनाएँ ।

कवि मनीष **************************************

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