Saturday 9 January 2021

प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक,

पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक,

प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे,

वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के अनंत ऊँचाई तक


कवि मनीष

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Friday 8 January 2021

प्रेम संग जब रहे पवित्रता सदा,

हर कठिनाई पार करे ले जीवन सदा,

है सीता व राम पवित्र प्रेम के प्रतीक,

जो जुदा होके भी रहें एक सदा


कवि मनीष 

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Wednesday 6 January 2021

नीत दिन करे जो सुमिरन राम का,

है बन जाता वो पहचान सम्मान का,

जो है मानता राम के अस्तित्व को,

है वो बन जाता प्रिय हनुमान का


कवि मनीष 

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Monday 4 January 2021

सूरज के प्रकाश में हो जाते हैं और तारें ओझल,

रोशनीं सूरज की हीं करती है सवेरा हर पल,

विश्वास पर हीं है टिकी दुनिया सारी,

विश्वास से हीं है दिखता चमत्कार साईं का हर पल


कवि मनीष 

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Sunday 3 January 2021

अनगिनत तारें भी मिलके दूर नहीं कर पाते अंधेरा,

पर एक चाँद कर देता है उजियारा हीं उजियारा,

भक्ति तो है रोशनीं का अथाह सागर,

पल भर में जो है कर देता सवेरा हीं सवेरा


कवि मनीष 

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Saturday 2 January 2021

पत्थर पर लिखें जो श्री राम तो पत्थर भी तर गएँ,

सारे संकट क्षणभर में हीं विलीन हो गएँ,

है अद्भुत शक्ति श्री राम नाम में,

इसकी शक्ति से पतझड़ भी वसंत बन गएँ 


कवि मनीष 

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Friday 1 January 2021

नया साल,नया जीवन लाए,

उमंगो से भरा मौसम लाए,

वसंत-बहार और छाया रहे सावन,

जीवन बाग में हर रंग के फूल खिलाए


कवि मनीष 

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प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...