Monday 4 January 2021

सूरज के प्रकाश में हो जाते हैं और तारें ओझल,

रोशनीं सूरज की हीं करती है सवेरा हर पल,

विश्वास पर हीं है टिकी दुनिया सारी,

विश्वास से हीं है दिखता चमत्कार साईं का हर पल


कवि मनीष 

****************************************

No comments:

Post a Comment

प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...