Saturday 2 January 2021

पत्थर पर लिखें जो श्री राम तो पत्थर भी तर गएँ,

सारे संकट क्षणभर में हीं विलीन हो गएँ,

है अद्भुत शक्ति श्री राम नाम में,

इसकी शक्ति से पतझड़ भी वसंत बन गएँ 


कवि मनीष 

****************************************


No comments:

Post a Comment

प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...