प्रेम संग जब रहे पवित्रता सदा,
हर कठिनाई पार करे ले जीवन सदा,
है सीता व राम पवित्र प्रेम के प्रतीक,
जो जुदा होके भी रहें एक सदा
कवि मनीष
****************************************
प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...
No comments:
Post a Comment