Saturday, 30 November 2019

कवि मनीष 


मोदी से भी अब पूछो ये सवाल,
प्याज़ काहे है इतना लाल

कवि मनीष 
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Friday, 29 November 2019

है मंज़िल से होता उसी का वास्ता,
जो बस आत्मविश्वास के साथ है बढ़ता रहता

कवि मनीष 
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संसार को जो हैं देखते प्रेम के चश्मे से बार-बार,
उन्ही के आशियानें में है लौट के आती बहार बार-बार

कवि मनीष 
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भंवरे नें कहा प्रेम की गली में है तेरा इंतज़ार,
सुनते हीं गुल के चेहरे पर बिख़र गई बहार

कवि मनीष 
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Tuesday, 26 November 2019

मन में प्रेम जिसके नहीं है जीवन उसका श्मशान,
प्रेम से हीं है बने जीवन का गुलिस्तान 

कवि मनीष 
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जब-जब इन्सानियत पर है करता वार शैतान,
तब-तब कर्ज़ मिट्टी अदा करनें है आता जवान

कवि मनीष 
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Monday, 25 November 2019

बढ़ता जा तू बरगद के पेड़ समान,
तभी जीवन आएगा द्वार तेरे हर रोज़ बनके मेहमान

कवि मनीष 
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Saturday, 23 November 2019

मझधार में नईया डुबोते हैं,
जो तक़दीर पर रोते हैं 

कवि मनीष 
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Friday, 22 November 2019

बहाते हैं जो रक्त वतन के लिए,
ज़माना है हो जाता भक्त उनका सदा के लिए 

कवि मनीष 
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रातें काली डराती हैं उनको,
सहर की आहट से जगाते नहीं जो ख़ुद को

कवि मनीष 

Wednesday, 20 November 2019

जीना सिर्फ़ उन्ही का जीना है, जिनकी आँखों में पानीं है,
बाक़ियों का जीना तो सिर्फ़ बेईमानीं है 

कवि मनीष 
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Tuesday, 19 November 2019



दीप्त है रहता हरदम संसार उनका,
तिनका-तिनका जोड़ के आश्रय बनाते हैं जो जीवन का

कवि मनीष 
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Monday, 18 November 2019



जीवन की कश्ती पे हैं होते वही सवार,
जो अडिग रहते हैं चाहे हों जितनें मृत्यु के वार

कवि मनीष 


Saturday, 16 November 2019



रात न देख, दिन न देख , सुख न देख, दुःख न देख,
करते रहना है कर्म तो मात्र कर्म देख और कुछ न देख 

कवि मनीष 


मैं वो तूफाँ हूँ जिसका कोई रोक नहीं,
बीते समय पर मैं मनाता कोई शोक नहीं 
कवि मनीष  

Thursday, 14 November 2019

आप सभी को बाल दिवस की ढेरों शुभकामनाएँ..

हर मासूम दिल में बसे सिर्फ़ मौसम ए बहार,
मुबारक़ हो आप सभी को बाल दिवस का त्यौहार 

कवि मनीष 

Tuesday, 12 November 2019

जो नेता समझे जनता की आवाज़ को शोर है,
वो नेता, नेता नहीं, चोर है 

कवि मनीष 

Monday, 11 November 2019

गुरु नानक जयंती की शुभकामनाएँ


कहे नानक पाखंड त्याग से हो सब जन का भला,
जो करे औरों की मदद वही चलाए मानवता का सिलसिला 

कवि मनीष 

है आग..

है आग दिल में तो वतन के लिए निकाल,
है रक्त बदन में तो वतन के लिए बहा 

कवि मनीष 

Saturday, 9 November 2019

जय श्री राम

राम नाम के नाम से आज फिर गूंजा जग सारा,
आज से नभ केसरी होगा और होगा केसरी हर सितारा,
राम लला की आज से गूंजेगी किलकारियाँ,
आज से अयोध्या हुआ श्री राम जन्म भूमि कहेगा जग सारा

जय श्रीराम 
कवि मनीष 

Friday, 8 November 2019

हमार देस बा वीरन के देस..

हमार देस बा,
बीरन के देस,
जईसे परबत बा सारा

कउन झुका सकअ हअ हमरा,
हम तअ हीं सूरज-सितारा,

अँखियन जे उठाई,
उ जान से जाई,
जुबां जो चलाई,
ओकर जुबां कट जाई,

हमार देस बा बीरन के देस,
जईसे परबत बा सारा,
कउन झुका सकअ हअ हमरा,
हम तअ हीं सूरज-सितारा,

आपन ताक़त से हम,
परवत हिला दीं,
गगन के हम झुका दीं,

हमरा आगे कउन टिकी,
हम तअ हीं भारत माई के दुलारा,

हमार देस बा वीरन के देस,
जईसे परबत बा सारा,

कउन झुका सकअ ल हमरा,
हम तअ हीं सूरज-सितारा

कवि मनीष 

Tuesday, 5 November 2019

देखा ई रंग-बिरंग के चूड़ियन,
जईसे रंग-रंगिलन बादलन से,
रंग गईल बाटे गगन,

पहिन लअ हमार हथियन से,
हौले-हौले सजन,
देखा ई रंग-बिरंग के चूड़ियन,

हम पहिनम तोहरे हथियन,
से ई चूड़ियन,
तू ह हमार रंग-रंगिलन सजन,

तोहार आँखियन में बाटे,
प्यार बेशुमार ऐ सजन,
चलअ नेह के नईया मअ,
उड़ चलीं हम गगन,

देखा ई रंग-बिरंग के चूड़ियन,
जईसे रंग-रंगिलन बादलन से,
रंग गईल बाटे गगन 

कवि मनीष 
(मनीष कुमार)



कुछ मैं कहूँ, कुछ तुम कहो..

प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...