Saturday, 14 November 2020

दीपावली मनाओ सुहानी,

जलाओ प्रेम के दीप,

लिखो स्नेह की कहानी,


दीपावली मनाओ सुहानी,


है ये पर्व चैन ओ अमन के लिए,

जैसे साईं का चमत्कार,

है जन-जन के लिए,


है दिवाली का त्यौहार,

बहाता खुशियों की निर्मल गंगा,

जैसे साईं है बहाता,

आशाओं की गंगा,


दीपावली है इबारत,

प्रेम की जानी-पहचानी,

दीपावली मनाओ सुहानी,


दीपावली मनाओ सुहानी 


कवि मनीष 

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