दीपावली मनाओ सुहानी,
जलाओ प्रेम के दीप,
लिखो स्नेह की कहानी,
दीपावली मनाओ सुहानी,
है ये पर्व चैन ओ अमन के लिए,
जैसे साईं का चमत्कार,
है जन-जन के लिए,
है दिवाली का त्यौहार,
बहाता खुशियों की निर्मल गंगा,
जैसे साईं है बहाता,
आशाओं की गंगा,
दीपावली है इबारत,
प्रेम की जानी-पहचानी,
दीपावली मनाओ सुहानी,
दीपावली मनाओ सुहानी
कवि मनीष
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