Thursday, 5 November 2020

भुजाओं में शक्ति है अपार,

मचा दे जो शत्रुओं में हाहाकार,

है वो बजरंगी,बजरंगबली,

जो है मानवता का सार,


जो कर दे रात को सवेरा,

पल भर में दूर कर दे अंधेरा,

है जो ज्ञान का भण्डार,

जो है फैलाता उजियारा हीं उजियारा,


है जो चमत्कारों का चमत्कार,


भुजाओं में शक्ति है अपार,

मचा दे जो शत्रुओं में हाहाकार,

है वो बजरंगी,बजरंगबली,

जो है मानवता का सार 


कवि मनीष 

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