भूख-प्यास सब त्याग कर है इंतज़ार में,
निकलेगा जब चाँद आएगी तब चमक संसार में,
है सुहागन,पतिव्रता की बस यही कामना,
दिखे सुहाग बस हर रोज़ घर-बार में
रचना करवा चौथ पर
कवि मनीष
****************************************
प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...
No comments:
Post a Comment