Sunday, 8 November 2020

राम नाम है बसो मोरे रोम-रोम में,

हर क्षण है बीते बस प्रभु के नेह में,

प्रभु मोरे हैं स्वामीं सर्वस्व के,

है सृष्टि पले मोरे प्रभु के स्नेह से


कवि मनीष 

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