Thursday, 29 October 2020

 गली-गली में सुनता हूँ नाम तेरा,

ओ माता,ओ जगत् माता,ओ जगदम्बा,

तू है माता और मैं हूँ लाल तेरा,


गली-गली में सुनता हूँ नाम तेरा,


है जैसे चमकता सूरज गगन में,

है जैसे चमकता चाँद गगन में,

है वैसा तेरा रूप,


कभी धूप तो कभी शीतल,

है ऐसा तेरा रूप,


ऐ आदि शक्ति, ऐ जगत् माता,


धरती में है बसता जीवन बनके आशीष तेरा,


गली-गली में सुनता हूँ नाम तेरा,

ओ माता,ओ जगत् माता,ओ जगदम्बा,

तू है माता और मैं हूँ लाल तेरा,


गली-गली में सुनता हूँ नाम तेरा


कवि मनीष 


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८२२६८७४५१८

(8226874518)


कवि मनीष 

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