Saturday, 3 October 2020

ओ माँ शेरोवाली,

ओ माँ पहाड़ावाली,

हैं तेरे अनेकों रूप,


जगत् को सारे चलाती है तू,

तेरी चमक छाई है हरसू,


तू है सबसे निराली,


ओ माँ शेरोवाली,

ओ माँ पहाड़ावाली,


अपनीं कृपा सदा बरसाना माँ,

सबके कष्ट तू हरना माँ,


किसी को भी ख़ाली न लौटाना माँ,


जो हैं तेरे दर आते सवाली,


ओ माँ शेरोवाली,

ओ माँ पहाड़ावाली,


हैं तेरे अनेकों रूप,


जगत् को सारे चलाती है तू,

तेरी चमक छाई है हरसू,


तू है सबसे निराली,


ओ माँ शेरोवाली,

ओ माँ पहाड़ावाली 


ओ माँ शेरोवाली,

ओ माँ पहाड़ावाली 


कवि मनीष 

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