ओ माँ शेरोवाली,
ओ माँ पहाड़ावाली,
हैं तेरे अनेकों रूप,
जगत् को सारे चलाती है तू,
तेरी चमक छाई है हरसू,
तू है सबसे निराली,
ओ माँ शेरोवाली,
ओ माँ पहाड़ावाली,
अपनीं कृपा सदा बरसाना माँ,
सबके कष्ट तू हरना माँ,
किसी को भी ख़ाली न लौटाना माँ,
जो हैं तेरे दर आते सवाली,
ओ माँ शेरोवाली,
ओ माँ पहाड़ावाली,
हैं तेरे अनेकों रूप,
जगत् को सारे चलाती है तू,
तेरी चमक छाई है हरसू,
तू है सबसे निराली,
ओ माँ शेरोवाली,
ओ माँ पहाड़ावाली
ओ माँ शेरोवाली,
ओ माँ पहाड़ावाली
कवि मनीष
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