जय कृष्ण,जय राधे बोलो,
जय कृष्ण,जय राधे बोलो,
ये तो सारी धरती कहती,
ये तो सारा अम्बर कहता,
सारी सृष्टि कहती ये,
अपनें मन के द्वार खोलो,
जय कृष्ण,जय राधे बोलो,
जय कृष्ण,जय राधे बोलो,
प्रेम तो है समर्पण बस,॥२॥
है विश्वास का ये दर्पण बस,॥२॥
तुम भी समर्पण के ये शब्द बोलो,
जय कृष्ण,जय राधे बोलो,
जय कृष्ण,जय राधे बोलो,
जय कृष्ण,जय राधे बोलो,
जय कृष्ण,जय राधे बोलो
कवि मनीष
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