Sunday, 20 September 2020

 तारों से भरा आकाश कभी दूर नहीं करता अंधेरा,

एक चमकता चाँद है ख़त्म कर देता अंधेरे का बसेरा,

जब दिल है होता स्वच्छ व निर्मल,

उस हिर्दय में बसाता है साईं अपना बसेरा 


कवि मनीष 

****************************************


No comments:

Post a Comment

प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...