Friday, 18 September 2020

 है फल की कामना रहती जिनको,

ईश्वर कभी मिलते नहीं उनको,

नि:स्वार्थ मन से जो करते हैं भक्ति,

ईश्वर सिर्फ मिलतें हैं उनको,


जो रखते हैं हरवक्त निर्मल मन को,

ईश्वर दिखते हैं उनके मन को,

सत्कर्म करते जाओ कामना करो न फल की,

फल देना है उसकी मर्ज़ी,


परमेश्वर हीं करता स्वच्छ जीवन दर्पण को,


है फल की कामना रहती जिनको,

ईश्वर कभी मिलते नहीं उनको,

निःस्वार्थ मन से जो करतें हैं भक्ति,

ईश्वर सिर्फ मिलतें हैं उनको 


ॐ नमः शिवाय 

कवि मनीष 

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