प्रकृति की मनमोहक काया गढ़नें वाले,
पृथ्वी को जीवन आवास बनानें वाले,
जय विश्वकर्मा भगवान की,
जय बाबा विश्वकर्मा की,
हर पुष्प,हर सुमन तेरे हीं गुण गाए,
हर जन,देवगण सब तेरे हीं गुण गाए,
लौह को पिघलाकर आकर बदलनें वाले,
जय विश्वकर्मा भगवान की,
जय बाबा विश्वकर्मा की,
प्रकृति की मनमोहक काया गढ़ने वाले,
पृथ्वी को जीवन आवास बनानें वाले,
सदा जय हो विश्वकर्मा भगवान की,
सदा जय हो विश्वकर्मा बाबा की
विश्वकर्मा पूजा की अनंत शुभकामनाएँ
कवि मनीष
****************************************
No comments:
Post a Comment