Monday, 14 September 2020

हिंदी समस्त भाषाओं का संगम है,

हिंदी समस्त भावनाओं का दर्पण है,

हिंदी रंग-बिरंगे बादलों का है समूह,

हिंदी हरदम महकता चंदन है 


कवि मनीष 

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