न आएगा फ़नकार कोई तेरे जैसा,
न आएगा कलाकार कोई तेरे जैसा,
कला रहेगी सदा तेरी ॠणी,
न करेगा चमत्कार कोई तेरे जैसा
महानतम कलाकार किशोर कुमार पर लिखी मेरी रचना
कवि मनीष
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प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...
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