मैंनें पूछा श्याम से तू रहता है कहाँ,
तू रहता है कहाँ,
उसनें कहा जहाँ है बंसी की तान मैं रहता हूँ वहाँ,
मैं रहता हूँ,वहाँ,
मैंनें पूछा श्याम से...
जब खिलती है कली मैं रहता हूँ उसमें,
जब महकता है सुमन मैं बसता हूँ उसमें,
जब बरसता है बादल,
मैं रहता हूँ उसमें,
जहाँ तक है अम्बर मैं हूँ वहाँ,
मैंनें पूछा श्याम से तू रहता है कहाँ,
तू रहता है कहाँ,
उसनें कहा जहाँ है बंसी की तान मैं रहता हूँ वहाँ,
मैं रहता हूँ वहाँ
गीत
कवि मनीष
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