Wednesday, 19 August 2020

 मन बनें उपवन,बनें अति पावन,

तान छेड़े जब राधा,कृष्ण के संग-संग,

बनें सुरों की ऐसी माला,

बन जाए जिससे सुरों का महा संगम


कवि मनीष 

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