Saturday, 1 August 2020

है आसमान से बड़ा आँचल जिसका,
है ममतामई हाथ सबपर जिसका,
लगातीं हैं बेड़ा पार सबका जो,
करो जय जयकार सब भक्तों उनका

कवि मनीष 
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