Sunday, 7 June 2020

राम नाम है बसा रोम-रोम में मेरे,
भज तू राम को साथ मैं भी आऊँगा घर तेरे,
छल,कपट त्याग कर बस कर सिमरन प्रभु का,
मैं बजरंगी चल पड़ूँगा साथ तेरे

कवि मनीष 
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