कब किसे लग जाए कौन रोग,कोई नहीं जानता,
जीवन में लग जाए कब ये दाग,कोई नहीं जानता,
रहना है नीरोग तो करना है योग,क्योंकि,
कब डस ले बीमारियों का नाग,कोई नहीं जानता
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
कवि मनीष
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