Sunday, 24 May 2020

बहारे आनें पर खिल जाती है हर कली,
सूरज के उगनें पर चमक उठती है हर गली,
है आती जो पूनम चमक उठती है रात,
और शिव की भक्ति करनें पर टल जाती है हर विपदा की घड़ी

#कविमनीष 
****************************************

No comments:

Post a Comment

प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...