Saturday, 23 May 2020

तू मेरा हमसफ़र है,चल साथ मेरे,
तू मेरा हमसफ़र है,चल साथ मेरे,

माना की रास्ता है मुश्किल,
पर तू मेरा हमसफ़र है,चल साथ मेरे,

माना की मंज़िल है दूर,
पर तू मेरा हमसफ़र है,चल साथ मेरे,

माना की सहर की आहट है अभी नहीं,
पर तू मेरा हमसफ़र है,चल साथ मेरे,

माना की स्याह रातें डराएँगी,
पर तू मेरा हमसफ़र है,चल साथ मेरे,

एक दिन तस्वीर ज़रूर बदल जाएगी,
तू मेरा हमसफ़र है,चल साथ मेरे,

तू मेरा हमसफ़र है,चल साथ मेरे,
तू मेरा हमसफ़र है,चल साथ मेरे 

#कविमनीष 
****************************************

No comments:

Post a Comment

प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...