Saturday, 4 April 2020


ममतामई जय माता की,
करूणामई जय माता रानीं की,
अलौकिक शक्तियों की स्वामिनीं,
जय माँ अम्बे की,
जय माँ जगदम्बे की,

जिसकी कृपा से,
पतझड़ पे छा जाए वसंत,
जो करती है मुरादें,
पूरी सबकी तुरंत,

ममतामई जय माता की,

ममतामई जय माता की,
करूणामई जय माता रानीं की,
अलौकिक शक्तियों की स्वामिनीं,
जय माँ अम्बे की,
जय माँ जगदम्बे की 

कवि मनीष 
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