राम नाम है सबसे बड़ा,
राम से बड़ा कोई नहीं,
जब है लांगता पाप अपनीं सीमा,
मृत्यु से बड़ा कोई नहीं,
जब उठाता है सर अपनां अभिमान,
राम के प्रहार से बड़ा कोई नहीं,
जब है फैल जाता शूलों का संसार,
वसंत-बहार से बड़ा कोई नहीं,
जब आती है बात मर्यादा की,
राम से बड़ा कोई नहीं,
राम नाम है सबसे बड़ा,
राम से बड़ा कोई नहीं,
राम से बड़ा कोई नहीं
कवि मनीष
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