है समस्त कामनाओं की पूर्ति,
होती है जिस दर पर,
कहता है बाबा अमरनाथ,
सारा जग उसे जय करकर,
देवताओं का मस्तक भी है झुक जाता,
जिस दर पर,
कहता है बाबा बर्फ़ानीं उसे,
सारा जग जयकारे लगाकर,
ब्रह्माण्ड की समस्त शक्ति,
है एक हो जाती जिस दर पर,
कहता है बाबा त्रिलोकनाथ उसे,
सारा जग जय करकर,
है समस्त कामनाओं की पूर्ति,
होती है जिस दर पर,
कहता है बाबा अमरनाथ,
सारा जग उसे जय करकर
कवि मनीष
****************************************
No comments:
Post a Comment