माँ वैष्णों देवी के दरबार
में होतीं हैं मुरादें पूरी सारी,
सजती है सपनों की
रंग-बिरंगी फुलवारी,
झूमती है धरती,
झूमता है गगन,
झूमता है जीवन,
सजती है आशाओं की फुलवारी,
माँ वैष्णों देवी के दरबार
में होतीं हैं मुरादें पूरी सारी,
सजती है सपनों की,
रंग-बिरंगी फुलवारी
कवि मनीष
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