है अनंत आकाश फैला,
जैसे हर तरफ़ एक समान,
वैसे हीं शिव की कृपा से,
है नहीं अछूता सारा संसार,
मन में जो रखते नहीं,
द्वेष,क्लेश,ईर्ष्या,
उन्हीं पे है बरसती,
महादेव की अनुकंपा बारंबार,
है अनंत आकाश फैला,
जैसे हर तरफ़ एक समान,
वैसे हीं शिव की कृपा से,
है नहीं अछूता सारा संसार
कवि मनीष
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