कहता कोई अम्बा,
है कोई कहता जगदम्बा,
है तेरे नाम अनेक,
तू हीं रंग है जीवन गगन का,
है तू करुणामयी,
देती है आशीष तू हमें जीवन का,
तू है हर कण में बसी,
तू है सुगंध जीवन उपवन का,
कहता है कोई अम्बा,
है कोई कहता जगदम्बा,
है तेरे नाम अनेक,
तू हीं रंग है जीवन का
कवि मनीष
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