वीरों की हर बात निराली,
जैसे धरती पर सूरज की लाली,
जान हथेली पर लेके वो तिरंगे का सम्मान करें,
जब विजय होकर वो लौटे,
सारा देश जय-जयकार करे,
वीरों तुम्हें सलाम,
वीरों तुम्हें प्रणाम,
भारत माँ के वीर हैं वे तो,
सिंह भी जिनका जय-जयकार करे,
जैसे गरजते बादल को मेघ भी प्रणाम करे,
वीरों तुम्हें सलाम,
वीरों तुम्हें प्रणाम,
वीरों की हर बात निराली,
जैसे धरती पर सूरज की लाली,
जान हथेली पर लेके वो तिरंगे का सम्मान करें,
वीरों तुम्हें सलाम,
वीरों तुम्हें प्रणाम,
वीरों तुम्हें सलाम,
वीरों तुम्हें प्रणाम,
वीरों तुम्हें सलाम,
वीरों तुम्हें प्रणाम
कवि मनीष
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